महाराजगंज। जनपद के निचलौल विकासखंड के अंतर्गत ग्राम सभा खेसरहा शीतलापुर में स्थित पानी की टंकी पिछले 15 वर्षों से बंद पड़ी है। यह टंकी करीब डेढ़ दशक पहले करोड़ों रुपये की लागत से बनाई गई थी और शुरुआत में कुछ दिनों तक दर्जनों गांवों में जलापूर्ति भी हुई थी। लेकिन बीते कई वर्षों से यह पूरी तरह बंद है, जिससे ग्रामीणों को गंभीर जल संकट का सामना करना पड़ रहा है।
सबसे चिंताजनक बात यह है कि इंडो-नेपाल सीमा से सटे इस इलाके के अधिकतर गांवों का भूजल काफी हद तक दूषित हो चुका है। ग्रामीण दूषित पानी पीने को मजबूर हैं, जिससे आये दिन लोग गंभीर बीमारियों की चपेट में आ रहे हैं। बच्चों में पेट संबंधी बीमारियां, त्वचा रोग और बुजुर्गों में किडनी व लीवर की समस्याएं आम हो गई हैं।

ग्रामीणों का फूटा आक्रोश
स्थानीय ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि टंकी को अतिशीघ्र चालू किया जाए, नहीं तो वे आंदोलन का रास्ता अपनाने को मजबूर होंगे। उनका कहना है कि सरकार ने जो सुविधा दी थी, वह वर्षों से निष्क्रिय पड़ी है, जिससे जनता का भरोसा टूटता जा रहा है।
एक ग्रामीण ने कहा
हम अपने बच्चों को दूषित पानी पिलाने के लिए मजबूर हैं। बीमारी के डर से हर दिन जीते हैं। आखिर क्यों नहीं हो रही सप्लाई?
प्रशासन की निष्क्रियता पर उठे सवाल
अब सवाल यह उठता है कि जलापूर्ति को चालू करने में देरी क्यों हो रही है? क्या प्रशासन किसी बड़े हादसे या जनआंदोलन का इंतजार कर रहा है?
एम आर जे न्यूज़ इस जनहित के मुद्दे को प्रमुखता से उठाता रहेगा और प्रशासन से अपेक्षा करता है कि वह शीघ्र कार्रवाई कर जनता को राहत पहुंचाए।