नई दिल्ली। केंद्रीय अल्पसंख्यक मामलों के मंत्री किरेन रिजिजू ने कहा कि पीएम विकास योजना के तहत प्रारंभिक चरण में 31,600 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगार के योग्य बनाना है। अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय और दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति ने राजधानी के युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देने के लिए एक ऐतिहासिक पहल की है। यह योजना केवल कौशल विकास तक सीमित नहीं है, बल्कि युवाओं को आधुनिक तकनीक और उद्योगों की मांग के अनुरूप प्रशिक्षित कर, उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर प्रदान कर आत्मनिर्भर और सक्षम बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
आज गुरुद्वारा श्री रकाबगंज साहिब में 100 करोड़ रुपये की ऐतिहासिक योजना को मूर्त रूप देने के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए गए। इस योजना के तहत लगभग 29,600 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण हेतु वित्तीय सहायता दी जाएगी, जबकि 2,000 छात्रों को शिक्षा में सहयोग प्रदान किया जाएगा। यह पहल युवाओं को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने और उन्हें बेहतर रोजगार के अवसर प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
श्री रिजिजू ने सरकार की इस योजना को रोजगार बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम बताया। उन्होंने कहा, “इस योजना के तहत न केवल छात्रों को वित्तीय सहायता दी जाएगी, बल्कि इसमें स्टाइपेंड देने का भी प्रावधान है। इसका मुख्य उद्देश्य विभिन्न शैक्षणिक क्षेत्रों के छात्रों के लिए रोजगार के अवसर पैदा करना है।
उन्होंने कहा, केंद्र सरकार इस योजना को देशभर के छात्रों तक पहुंचाने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है। प्रारंभिक चरण में हमारा लक्ष्य 31,600 युवाओं को कौशल प्रशिक्षण देकर उन्हें आत्मनिर्भर और रोजगार के योग्य बनाना है। आने वाले समय में इस योजना का विस्तार सभी राज्यों में किया जाएगा, ताकि अधिक से अधिक युवाओं को इसका लाभ मिल सके।
पीएम विकास योजना को एक सुव्यवस्थित प्रक्रिया के तहत लागू की जाएगी, जहां योग्य उम्मीदवार एक विशेष पोर्टल के माध्यम से वित्तीय सहायता के लिए आवेदन कर सकते हैं। इस पोर्टल का संचालन सिख गुरुद्वारा प्रबंधन समिति द्वारा अल्पसंख्यक कार्य मंत्रालय के सहयोग से किया जाएगा।
लाभार्थियों को उनकी क्षमताओं एवं प्रशिक्षण की आवश्यकताओं के आधार पर वित्तीय सहायता प्रदान की जाएगी, जिससे वे उद्योगों की मांग के अनुरूप अत्याधुनिक कौशल, शिक्षा और सर्टिफिकेट प्राप्त कर अपने करियर को नई ऊंचाइयों तक पहुंचा सकें। यह पहल युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने और उन्हें रोजगार के बेहतर अवसर दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।