नई दिल्ली। भारत ने बंगलादेश को निर्यातित कार्गो के ट्रांसशिपमेंट की सुविधा को वापस ले लिया है हालांकि भारत के इस फैसले का बंगलादेश से भारतीय क्षेत्र से होकर नेपाल एवं भूटान को होने वाले निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा।
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने यहां नियमित ब्रीफिंग में इस बारे में एक सवाल के जवाब में कहा, बंगलादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट सुविधा के कारण पिछले कुछ समय से हमारे हवाई अड्डों और बंदरगाहों पर काफी भीड़भाड़ हो रही थी। लॉजिस्टिक्स में देरी और उच्च लागत के कारण हमारे अपने निर्यात में बाधा आ रही थी और बैकलॉग बन रहे थे। इसलिए, यह सुविधा मंगलावार 8 अप्रैल से वापस ले ली गई है।
श्री जायसवाल ने स्पष्ट किया कि इन उपायों से भारतीय क्षेत्र से होकर नेपाल या भूटान को बंगलादेश से होने वाले निर्यात पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। भारत द्वारा बंगलादेश को दी गई ट्रांसशिपमेंट की सुविधा के तहत भारत के बंदरगाहों और हवाई अड्डों के रास्ते भारतीय भूमि सीमा शुल्क स्टेशनों का उपयोग करके बंगलादेश को तीसरे देशों को निर्यातित कार्गो के परिवहन की अनुमति दी गई थी।
बंगलादेश की अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस के चीन दौरे के समय तीस्ता नदी जल समझौते का मसला उठाने के बारे में प्रतिक्रिया देते हुए श्री जायसवाल ने कहा, भारत और बंगलादेश 54 नदियों को साझा करते हैं, जिनमें गंगा और तीस्ता नदियाँ भी शामिल हैं। प्रासंगिक मुद्दों पर चर्चा करने के लिए एक संस्थागत संवाद तंत्र मौजूद है जिसे ‘संयुक्त नदी आयोग’ कहा जाता है। आपसी सहमति से बातचीत हो सकती है, बशर्ते समग्र वातावरण अनुकूल हो।