मोहम्मद अजहरुद्दीन तहसील संवाददाता निचलौल एम आर जे न्यूज महराजगंज
महराजगंज। जनपद में अवैध शराब की बिक्री थमने का नाम नहीं ले रही है। लगातार खबरें प्रकाशित होने के बावजूद अवैध कारोबार तेजी से फल-फूल रहा है। ताज़ा मामला तब सामने आया जब एक स्थानीय पत्रकार ने अवैध शराब के नेटवर्क की वास्तविकता जानने के लिए खुद क्रेता बनकर जांच की।
जांच के दौरान पता चला कि कच्ची शराब खुलेआम अधिकतम खुदरा मूल्य से अधिक, यानी 55 रुपये की जगह 65 रुपये में बेची जा रही है। स्थानीय लोगों ने बताया कि यह पूरा खेल कुछ दलालों, प्रशासनिक अधिकारियों और आबकारी विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से संचालित हो रहा है।
एक महिला विक्रेता ने खुलासा किया कि —
“कोई मोटका आता है महराजगंज से, खुद को आबकारी विभाग का बाबू बताता है और हफ्ते के हिसाब से कमीशन लेकर जाता है।”
ये आरोप यह साबित करते हैं कि जमीन स्तर पर भ्रष्टाचार और संरक्षण के बिना इतनी बड़ी अवैध शराब की व्यवस्था संभव नहीं है। जनता की मांग है कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारियों पर तत्काल सख्त कार्रवाई हो।
पत्रकार को दी धमकी जब पत्रकार ने इस पूरे प्रकरण की जानकारी ट्विटर हैंडल के माध्यम से शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचाई, तो इससे आबकारी इंस्पेक्टर बौखला गया। आरोप है कि इंस्पेक्टर ने फोन कर पत्रकार को धमकी देते हुए कहा
अगली बार खबर प्रकाशित की तो तुम्हारी खैर नहीं! साथ ही अमर्यादित भाषा का उपयोग भी किया।
पत्रकार के सवाल करने पर इंस्पेक्टर ने कहा आकर मिलो अब सवाल यह है कि मिलने की ऐसी क्या जरूरत? आखिर क्या उद्देश्य है इंस्पेक्टर का?
प्रेस की स्वतंत्रता पर हमला प्रेस की स्वतंत्रता लोकतंत्र का आधार है। पत्रकारों को बिना डर और दबाव के सत्य दिखाने का अधिकार प्राप्त है ताकि नागरिक सच से वाकिफ रहें और शासन-प्रशासन की जवाबदेही तय हो सके। परंतु अब सच उजागर करने पर ही पत्रकारों को धमकियां मिल रही हैं, जो लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए बेहद चिंताजनक है।
अब निगाहें शासन-प्रशासन पर क्या प्रशासन ऐसे भ्रष्ट कार्मिकों पर कार्रवाई करेगा? क्या अवैध शराब के कारोबार पर रोक लगेगी?
या फिर यह सिलसिला इसी तरह चलता रहेगा? फिलहाल जनता और पत्रकार दोनों प्रशासन से कड़ी कार्रवाई की उम्मीद कर रहे हैं।














